Dreaming is irresistible
Keeping optimism alive
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May 26, 2008
A thought from the movie, Guide
ज़िंदगी एक ख़याल है, जैसे के मौत एक ख़याल है.
ना सुख है, ना दुःख है,
ना दीन है, ना दुनिया.
ना इंसान, ना भगवान.
सिर्फ़ मैं, मैं, मैं, मैं.
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